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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता भाग 9( मेरे हमसफर ) लेखनी कहानी -01-Sep-2022



             शीर्षक:- मेरे हम सफर
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जिस दिन तू मुझे मेरी हमसफर लगने लगेगी।
मेरी तन्हा जिन्दगी अपने आप  सबरने लगेगी।।
महबूब तू मेरी मुहब्बत की आजमाइस मत करना।
मेरा किसी सूरत में कभी भी इम्तहान मत  करना।।
मेरा नादान दिल तुझे देख बहुत तेजी से धड़कता है।
यह कम्बखत हर वक्त  तेरी ही याद करता रहता है।।
तू मुझे सपनौ में आकर ही अपना दीदार करवादेना।
 कुछ चाहत नही बस एकबार अपनी कसमतोड़ लेना।।

हिन्दी दिवस प्रतियोगिता हेतु रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "



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9 Comments

Wahhh Bahut hi सुन्दर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ,,,, सपनों होगा जी

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Raziya bano

10-Sep-2022 09:10 AM

Shaandar

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Achha likha h

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